भारतीय निर्वाचन आयोग को चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय हैं। यह आयोग भारत में संघ तथा राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का सुचारू रूप से संचालन करता है। आप Election commission of India upsc in hindi post के माध्यम से भारतीय चुनाव आयोग( Election commission of India) के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें।
भारतीय चुनाव आयोग (Election commission of India)
25 जनवरी को प्रत्येक वर्ष मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं ,भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के अनुसार की गई थी। भारतीय चुनाव आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है।
भारतीय चुनाव आयोग हमारे देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपतियों के चुनाव का संचालन करता है।
भारतीय चुनाव आयोग का राज्यों में पंचायत चुनाव तथा नगर पालिकाओं से संबंधित चुनावों से कोई संबंध नहीं है। इस चुनाव के लिए भारतीय संविधान के द्वारा अलग से राज्य चुनाव आयोग का गठन करने का प्रावधान किया गया है।
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भारतीय चुनाव आयोग से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
• भारतीय संविधान का भाग 15 में अनुच्छेद 324 से 329 :- यह अनुच्छेद चुनाव से संबंधित है तथा इन मामलों हेतु भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना किया गया है।
• अनुच्छेद 324 :- चुनाव का अधीक्षक नियंत्रण तथा निर्देशन के इस अनुच्छेद के द्वारा भारतीय चुनाव आयोग में निहित किया गया है।
• अनुच्छेद 325 :- इस अनुच्छेद के द्वारा धर्म जाति या लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति विशेष को मतदाता सूची में शामिल नहीं करने तथा इस आधार पर मतदान के लिए अयोग्य नहीं ठहराए जाने का प्रावधान किया गया है।
• अनुच्छेद 326 :- यह अनुच्छेद लोकसभा तथा राज्यों के विधानसभाओं के चुनाव के बारे में बताता है कि यह चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर किए जाएंगे।
• अनुच्छेद 327 :- इस अनुच्छेद के द्वारा राज्य विधानसभाओं के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने की शक्ति संसद में निहित की गई है।
• अनुच्छेद 328 :- इस अनुच्छेद के द्वारा विधानमंडल के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने के लिए राज्य के विधान मंडल को शक्ति प्रदान की गई है।
• अनुच्छेद 329 :- यह अनुच्छेद चुनावी मामलों में अदालतों के द्वारा हस्तक्षेप किए जाने पर रोक लगाता है।
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भारतीय चुनाव आयोग ( Election commission of India ) की संरचना
• मूल रूप से भारतीय चुनाव आयोग में केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान किया गया था। परंतु चुनाव आयुक्त संशोधन अधिनियम 1989 के बाद इसे एक बहू सदस्यीय निकाय बना दिया गया है।
• भारतीय चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्त जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा समय-समय पर की जाती है,वे भी इस निकाय में शामिल होते हैं।
• वर्तमान चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त तथा दो अन्य चुनाव आयुक्त हैं।
• राज्य स्तर पर चुनाव आयोग की मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा सहायता की जाती है। यह अधिकारी IAS रैंक का अधिकारी होता है।
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भारतीय चुनाव आयोग की नियुक्ति तथा कार्यकाल
• भारत के राष्ट्रपति समय-समय पर भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करता है।
• मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 साल या 65 साल होता है ( जो भी पहले हो)
• भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्त को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समक्ष दर्जा प्राप्त होता है, तथा इन्हें समान वेतन एवं भत्ते मिलते हैं।
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मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्त का निष्कासन की प्रक्रिया
• भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्त कभी भी त्यागपत्र देकर कार्यकाल की समाप्ति से पहले भी अपना पद छोड़ सकते हैं।
• इन्हें कार्यकाल की समाप्ति से पहले भी पद से हटाया जा सकता है।
• मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही पद से हटाया जा सकता है।
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भारतीय चुनाव आयोग की सीमाएं
• भारतीय संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों के योग्यता (कानूनी शैक्षिक प्रशासनिक या न्यायिक) निश्चित नहीं की गई है।
• भारतीय संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों के कार्यकाल के बारे में भी कोई निर्धारण नहीं किया गया है।
• भारतीय संविधान ने सेवानिवृत हो रहे चुनाव आयुक्त को सरकार द्वारा किसी और नियुक्ति से वंचित नहीं किया गया है।
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भारतीय चुनाव आयोग की शक्तियां और कार्य
(1). भारतीय चुनाव आयोग के प्रशासनिक शक्तियां और कार्य
• संसद के परिसीमन आयोग अधिनियम के आधार पर पूरे देश भर में भारतीय चुनाव आयोग ही चुनाव निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण करता है।
• मतदाता सूची तैयार करना तथा समय-समय पर संशोधित कर सभी पात्र मतदाताओं को पंजीकृत करना।
• राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना तथा इन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित करना।
• भारतीय चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की आम समिति से विकसित आदर्श आचार संहिता के सख्त पालन के माध्यम से राजनीतिक दलों के लिए चुनाव में समान रूप से अवसर सुनिश्चित करता है।
• भारतीय चुनाव आयोग चुनाव के संचालन हेतु चुनाव कार्यक्रम तय करता है, चाहे फिर आम चुनाव हो या उपचुनाव।
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(2).भारतीय चुनाव आयोग का सलाहकार क्षेत्राधिकार तथा अर्ध न्यायिक कार्य
• भारतीय संविधान के तहत संसद तथा राज्य विधानसभाओं के मौजूद सदस्यों के चुनाव के बाद योग्यता के मामले में भारतीय चुनाव आयोग के पास सलाहकार अधिकार क्षेत्र होता है।
• ऐसे सभी मामलों में चुनाव आयोग के राय राष्ट्रपति या राज्यपाल जिसे ऐसी राय दी गई हो, के लिए बाध्यकारी होता है।
• इसके अतिरिक्त चुनाव में भ्रष्ट आचरण के दोषी पाए गए व्यक्तियों के मामले में जो सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के समक्ष आते हैं, को इस सवाल हेतु चुनाव आयोग की राय के लिए भी भेजा जाता है, की क्या ऐसे व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जाए और यदि हां , तो कितने समय के लिए।
• चुनाव आयोग के पास मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के विभाजन या विलय से संबंधित विवादों के निपटारा करने के लिए अर्ध न्यायिक शक्तियां प्राप्त होती है।
• भारतीय चुनाव आयोग के पास ऐसे किसी उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करने की शक्ति है, जो समय के भीतर तथा कानून द्वारा निर्धारित तरीके से अपने चुनावी खर्चों का लेखा-जोखा करने में सफल रहा हो।
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